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Shri Jina Suprabhata Ashtakam Text in Hindi

Jina Suprabhatashtakam Lyrics in Hindi | जिनसुप्रभाताष्टकम्

जिनसुप्रभाताष्टकम् Lyrics in Hindi: पण्डित श्रीहीरालाल जैन, सिद्धान्तशास्त्री चन्द्रार्कशक्रहरविष्णुचतुर्मुखाद्यां- स्तीक्ष्णैः स्वबाणनिकरैर्विनिहत्य लोके । व्यजाजृम्भितेऽहमिति नास्ति परोऽत्र कश्चि- त्तं मन्मथं जितवतस्तव सुप्रभातम् ॥ १॥ (इस संसार में जिस कामदेव ने अपने तीक्ष्ण बाणों के द्वारा चन्द्र सूर्य, इन्द्र, महेश, विष्णु, ब्रह्मा आदि को आहत करके घोषणा की थी कि “मैं ही सबसे बड़ा हूं, मेरे से […]

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