Shri Rudra Koteswara Ashtakam in Hindi:
॥ श्रीरुद्रकोटीश्वराष्टकम् ॥
ॐ श्रीगणेशाय नमः ।
क्षेत्रम् – तिरुकषुगुकुंड्रं Tirukazhugukundram, Tamil Nadu
व्योमानिलानलजलाचलचन्द्रसूर्य-
चैतन्यकल्पितशरीरविराजिताय
ऋग्वादि वेदगिरिशृङ्गनिकेतनाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ १ ॥
कर्पूरशङ्खधवलाकृतिचन्द्रकान्त-
मुक्ताफलस्पटिकवन्हिपविग्रहाय ।
कस्तूरिकुङ्कुमहिमाम्बुविलेपनाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ २ ॥
सौन्दर्यनायकिमुखाम्बुजभृङ्गभूत
चन्द्रार्कवन्हिनिलयाय सदाशिवाय ।
अणिमादिदाय करुणामृतसागराय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ३ ॥
गङ्गाजलाग्रनिलयाय कलामयाय
कामान्धकत्रिपुरदग्धविलेपनाय
गङ्गाधराय गरुडध्वजसेविताय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ४ ॥
गृध्राचलेन्द्रनिलयाय निरीश्वराय
तत्त्वादि सिद्धसुपूजितवन्दिताय ।
सिद्धादि योगपुरुषाय दिगम्बराय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ५ ॥
पञ्चाक्षराय भवसागरतारणाय
पञ्चास्यचर्मवसनाय परात्पराय
पञ्चाक्षराय निगमाचलनायकाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ६ ॥
वेदान्तमुख्यविभवाय निरीश्वराय
वेदान्तवेद्यसरसाय विचक्षणाय ।
वेदाय वेददुर्गाय विक्षायनाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ७ ॥
आधारशक्तिकुटिलासनपञ्चकाय
ब्रह्माण्डकल्पितकलामयविग्रहाय
प्रासाद षोडशकलामय विश्वमूर्ति
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ८ ॥
इति श्रीरुद्रकोटीश्वराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
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