Dattatreya Aarati in Hindi:
श्री दत्ताची आरती:
त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा।
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्यराणा।
नेती नेती शब्द न ये अनुमाना।
सुरवर मुनिजन योगी समाधि न ये ध्याना॥
जय देव जय देव जय श्री गुरुदत्ता।
आरती ओवाळीतां हरली भवचिन्ता॥
सबाह्य अभ्यंतरी तू एक दत्त।
अभाग्यासी कैसी न कळे ही मात।
पराही परतली तेथे कैचा हेत।
जन्ममरणाचा पुरलासे अन्त॥
जय देव जय देव जय श्री गुरुदत्ता।
आरती ओवाळीतां हरली भवचिन्ता॥
दत्त येऊनियां ऊभा ठाकला।
सद्भावे साष्टांगे प्रणिपात केला।
प्रसन्न होऊनी आशीर्वाद दिधला।
जन्ममरणाचा फेरा चुकविला॥
जय देव जय देव जय श्री गुरुदत्ता।
आरती ओवाळीतां हरली भवचिन्ता॥
दत्त दत्त ऐसे लागले ध्यान।
हरपलें मन झालें उन्मन।
मी तू पणाची झाली बोळवण।
एका जनार्दनी श्रीदत्तध्यान॥
जय देव जय देव जय श्री गुरुदत्ता।
आरती ओवाळीतां हरली भवचिन्ता॥
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