Sri Meenakshi Sundareshwar Stotram in Sanskrit:
॥ श्रीमीनाक्षी सुन्दरेश्वरस्तोत्रम् ॥
श्रीमीनाक्षी सुन्दरेश्वरस्तोत्रम्
सुवर्णपद्मिनीतटान्तदिव्यहर्म्यवासिने
सुपर्णवाहनप्रियाय सूर्यकोटितेजसे ।
अपर्णया विहारिणे फणाधरेन्द्रधारिणे
सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ १ ॥
सुतुङ्गभङ्गजान्हुजासुधांशुखण्डमौलये
पतङ्गपङ्कजासुहृत्कृपीटयोनिचक्षुषे ।
भुजङ्गराजकुण्डलाय पुण्यशालिबन्धवे
सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ २ ॥
चतुर्मुखाननारविन्दवेदगीतमूर्तये
चतुर्भुजानुजाशरीरशोभमानमूर्तये ।
चतुर्विधार्थदानशौण्डताण्डवस्वरूपिने
सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ ३ ॥
शरन्निशाकरप्रकाशमन्दहासमञ्जुला-
धरप्रवालभासमानवक्त्रमण्डलश्रिये ।
करस्फुरत्कपालमुक्तविष्णुरक्तपायिने
सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ ४ ॥
सहस्रपुण्डरीकपूजनैकशून्यदर्शना
सहस्वनेत्रकल्पितार्चनाच्युताय भक्तितः ।
सहस्रभानुमण्डलप्रकाशचक्रदायिने
सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ ५ ॥
रसारथाय रम्यपत्रभृद्रथाङ्गपाणये
रसाधरेन्द्रचापशिञ्जिनीकृतानिलाशिने ।
स्वसारथीकृताजनुन्नवेदरूपवाजिने
सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ ६ ॥
अतिप्रगल्भवीरभद्रसिंहनादगर्जित
श्रुतिप्रभीतदक्षयागभोगिनाकसद्मनाम् ।
गतिप्रदाय गर्जिताखिलप्रपञ्चसाक्षिणे
सदा नमश्शिवाय ते सदा शिवाय शंभवे ॥ ७ ॥
मृकण्डुसूनुरक्षणावधूतदण्डपाणये
सुगण्डमण्डलस्फुरत्प्रभाजितामृतांशवे ।
अखण्डभोगसम्पदर्थिलोकभावितात्मने
सदा नमश्शिवाय ते सदा शिवाय शंभवे ॥ ८ ॥
मधुरिपुविधिशक्रमुख्यदेवैरपि नियमार्चितपादपङ्कजाय ।
कनकगिरिशरासनाय तुभ्यं रजतसभापतये नमः शिवाय ॥ ९ ॥
हालास्यनाथाय महेश्वराय हालाहलालङ्कृतकन्धराय ।
मीनेक्षनायाः पतये शिवाय नमो नमः सुन्दरताण्डवाय ॥ १० ॥
त्वया कृतमिदं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिसंयुतः ।
तस्याऽऽयुर्दीर्घमारोग्यं सम्पदश्च ददाम्यहम् ॥ ११ ॥
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